Saturday, December 2, 2023
Home ब्लॉग द्रौपदी मुर्मु के प्रतीक से क्या बदलेगा?

द्रौपदी मुर्मु के प्रतीक से क्या बदलेगा?

हरिशंकर व्यास

भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पार्टी की नेता द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। पूरे देश में इस बात की चर्चा हो रही है कि देश में पहली बार कोई अदिवासी राष्ट्रपति बनेगा और वह भी महिला आदिवासी! यह सचमुच गर्व और संतोष करने वाली बात है कि देश के सबसे हाशिए पर के समूह का कोई व्यक्ति देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठेगा। लेकिन सवाल है कि इससे क्या बदल जाएगा? क्या इससे देश के आदिवासियों की दशा में सुधार होगा? क्या जल, जंगल और जमीन की उनकी लड़ाई को कामयाबी मिलेगी? क्या नक्सली होने का ठप्पा उनके ऊपर से हट जाएगा? क्या विकास के नाम पर विस्थापित किए गए लाखों आदिवासियों को उनकी जमीनें वापस मिल जाएंगी? क्या वन संपदा पर उनका अधिकार मान लिया जाएगा? क्या उनके घर उजाड़ कर घने जंगलों में चल रही माइनिंग बंद हो जाएगी? ऐसी कोई भी उम्मीद करना बेमानी है।

इससे पहले भाजपा ने उत्तर प्रदेश के दलित समुदाय से आने वाले रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया था तो क्या उत्तर प्रदेश या देश के दूसरे हिस्सों में दलितों की स्थिति में सुधार हुआ? क्या यह सच नहीं है कि दलित होने की वजह से रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति होने के बावजूद एक मंदिर में घुसने से रोक दिया गया था? क्या देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे दलित राष्ट्रपति ने हाल की यह खबर देखी है कि एक व्यक्ति ने जोमाटो से खाना मंगवाया था और जब उसे पता चला कि खाना लाने वाला दलित है तो उस व्यक्ति ने न सिर्फ खाना लेने से इनकार कर दिया, बल्कि डिलीवरी ब्वॉय के मुंह पर थूक दिया? क्या दलित राष्ट्रपति ने उत्तराखंड के स्कूल में सवर्ण बच्चों के दलित बच्चों के साथ खाना नहीं खाने वाली खबर देखी थी? दलित उत्पीडऩ की ऐसी अनेक खबरें हर दिन आती हैं। दलित राष्ट्रपति बनाने से समाज में कुछ नहीं बदला। हां, दलितों को झूठे गर्व का अहसास दिला कर वोट की राजनीति जरूर साधी गई।

उससे भी पहले जब एनडीए को पहली बार राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने का मौका मिला था तब उसने एपीजे अब्दुल कलाम को उम्मीदवार बनाया था। यानी दलित और आदिवासी से पहले भाजपा ने मुस्लिम राष्ट्रपति बनवाया। लेकिन क्या देश में उससे मुसलमानों की स्थिति में कोई सुधार हुआ? देश के मुसलमान की स्थिति छोड़े, क्या भाजपा का मुसलमानों के प्रति नजरिया बदला? पहला मौका मिलने पर मुस्लिम राष्ट्रपति बनवाने वाली भाजपा हर लगभग मुस्लिम प्रतीक का विरोध करती है और एक पूरे समुदाय को खलनायक बनाने में लगी है। देश के एक दर्जन राज्यों में भाजपा की सरकार है लेकिन कुल सरकारों को मिला कर सिर्फ एक मुस्लिम मंत्री है। केंद्र में भी सिर्फ एक मुस्लिम मंत्री हैं, जिन्हें अगले महीने के पहले हफ्ते में रिटायर हो जाना है। उसके बाद केंद्र सरकार में कोई मुस्लिम मंत्री नहीं रहेगा।

सो, चाहे मुस्लिम उम्मीदवार हो या दलित और आदिवासी हो, इसका सिर्फ प्रतीकात्मक महत्व है, जिसका राजनीतिक इस्तेमाल होता है। इस तरह के फैसले देश की राजनीति का आईना भी होते हैं, जिनसे पता चलता है कि भारत में सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग किस तरह से फैसला करते हैं और उनके मुख्य सरोकार क्या होते हैं। असल में भारत में फैसले हमेशा शीर्ष पर बैठे व्यक्ति के इलहाम से होते हैं। उसे एक दिन ख्याल आता है कि बड़े नोट बंद कर देने चाहिए तो वह बंद कर देता है। उसे एक दिन इलहाम होता है कि सवा दो सौ साल से सेना में जिस तरीके से भर्ती हो रही थी उससे खर्च बहुत बढ़ रहा है इसलिए बिना पेंशन के सिर्फ चार साल के लिए सैनिक बहाल किए जाएं तो वह इसका फैसला कर देता है। ऐसा ही उसे ख्याल आता है कि देश में अब तक आदिवासी राष्ट्रपति नहीं बना है तो वह एक आदिवासी महिला को उम्मीदवार बना देता है। उसके बाद यह धारणा बनाई जाती है कि ये फैसला आदिवासी समाज के सशक्तिकरण में कारगर होगा। हालांकि बाई डिफॉल्ट कोई सशक्तिकरण हो जाए तो अलग बात है लेकिन कम से कम इस फैसले का उससे कोई लेना-देना नहीं है।

RELATED ARTICLES

क्योंकि सवाल राजनीतिक है

जो समस्या पैदा हुई है, उसका कारण संविधान की अस्पष्टता नहीं है। अगर केंद्र में सत्ताधारी पार्टी सर्वसत्तावादी महत्त्वाकांक्षाएं पाल ले, तो वे तमाम...

चुनाव मतलब लोगों को मूर्ख बनाना

हरिशंकर व्यास भारत में अब सारे चुनाव आम लोगों को मूर्ख बनाने, उनको बरगलाने, निजी लाभ का लालच देने, उनकी आंखों पर पट्टी बांधने या...

तेलंगाना में फिर जोर लगाया भाजपा ने

भारतीय जनता पार्टी ने तेलंगाना में एक साल पहले बहुत बड़ा राजनीतिक अभियान शुरू किया था। लेकिन फिर उसने अपने कदम पीछे खींच लिए...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Latest Post

उत्तराखंड देश के सर्वाधिक सुरक्षित राज्यों में से एक और निवेश के लिए सर्वाधिक मुफीद- मुख्यमंत्री

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दृष्टिगत देहरादून में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स मीट का हुआ आयोजन मुख्यमंत्री ने सभी इंफ्लुएंसर्स का किया आह्वान, अपने-अपने माध्यम से करें...

सीएम धामी ने हेमवती नंदन बहुगुणा के स्थापना दिवस और स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग किया

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्व विद्यालय, श्रीनगर के स्थापना दिवस और स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए...

पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए लगन से जुटें, दोषी को दंड दिलवाएं- राज्यपाल

राज्यपाल से मिले प्रशिक्षु अभियोजन अधिकारी देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से राजभवन में पीटीसी नरेन्द्र नगर में प्रशिक्षणरत 53 सहायक अभियोजन अधिकारियों...

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के बाद होंगे निकाय चुनाव

निकाय चुनाव टले, उत्तराखण्ड के समस्त नगर निकाय 2 दिसंबर से प्रशासकों के सुपुर्द हार के डर से भाजपा ने निकाय चुनाव टाले-यशपाल आर्य, नेता...

राहुल द्रविड़ बने रहेंगे टीम इंडिया के हेड कोच, बीसीसीआई ने सपोर्ट स्टाफ के कार्यकाल को बढ़ाने का किया फैसला

मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ का कॉन्ट्रैक्ट आगे बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। राहुल द्रविड़ एंड कंपनी के...

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव- एग्जिट पोल के जरिए संभावित नतीजों के बारे में लगाया गया अनुमान

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम राज्यों के विधानसभा चुनाव में मतदान हो गए हैं। मैदान में उतरे सभी प्रत्याशियों की किस्मत...

सेहत के लिए अच्छा है योग, लेकिन इसे करते समय बरतनी चाहिए ये सावधानियां वरना हो सकता है नुकसान

योग को सेहत के लिए हमेशा ही अच्छा और लाभदायक माना गया है। योग करने से केवल फिजिकल नहीं बल्कि मेंटल हेल्थ भी इंप्रूव...

जब आप जैसे प्रधानमंत्री हैं तो क्या चिंता, टनल से सुरक्षित बाहर निकले श्रमिकों ने पीएम से कही दिल की बात

देहरादून। उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में 17-18 दिन तक चली त्रासदी में भी धैर्य और जज्बे की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले 41 श्रमिकों का...

1200 बैंक अकाउंट्स किराये पर लेकर करोड़ों रुपये का किया फ्रॉड, ठगी का तरीका जानकर हर कोई हैरान

कानपुर। साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे है। आरोपी नए-नए तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। इसी कड़ी...

शीतकाल के लिए बंद किए गए गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट

देहरादून। गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस साल अक्तूबर माह तक पार्क में 31 हजार से...