उत्तराखंड में ऑर्गेनिक खेती के लिए ऐतिहासिक कदम, आधुनिक तकनीक से प्रदेश के लाखों किसानों को मिलेगा लाभ
देहरादून/जर्मनी। उत्तराखंड के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल यूरोपीय देशों के 10 दिवसीय दौरे पर हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश के 6 विधायक और विभागीय अधिकारी भी शामिल हैं। भ्रमण कार्यक्रम के दौरान वे उत्तराखंड को जैविक खेती के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के उद्देश्य से जैविक कृषि की आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
गौरतलब है कि जैविक कृषि के विकास के लिए अपनाई जा रही आधुनिकतम तकनीकों का अध्ययन करने के लिए 25 जुलाई से 3 अगस्त तक कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री के साथ 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जर्मनी, इटली, फ्रांस और स्विट्जरलैंड की यात्रा पर हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश के विधायक प्रदीप बत्रा, रेनू बिष्ट, सुरेश सिंह गड़िया, मनोज तिवारी, हरीश धामी, रामसिंह कैड़ा शामिल हैं। भ्रमण के दौरान प्रतिनिधिमंडल प्रदेश में उत्पादित मोटे अनाजों जैसे मंडुवा, झंगोरा, चौलाई इत्यादि के निर्यात के लिए संभावनाओं की भी तलाशा जा रहा है।
इस दौरान जर्मनी में जैविक कृषि के क्षेत्र में कार्य कर रही अंतरराष्ट्रीय संस्था आईफोम ऑर्गेनिक्स इंटरनेशनल एवं उत्तराखंड सरकार के मध्य समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आईफोर्म के प्रतिनिधियों को उत्तराखंड की पारंपरिक पहाड़ी टोपी पहनाकर अभिवादन किया।कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यह समझौता उत्तराखंड में जैविक कृषि के विकास और इस आंदोलन को प्रोत्साहन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मंत्री गणेश जोशी ने आगे कहा कि केवल जर्मनी ही नहीं, बल्कि यह डेलिगेशन रोम, स्विटजरलैंड और फ्रांस देश भी जा रहा है। गणेश जोशी ने कहा कि यह वो देश हैं, जिन्होंने कृषि के क्षेत्र में बेहद प्रगति की है. इस दौरे के दौरान कृषि के तमाम विषयों पर चर्चा की जा रही है और इन देशों में इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी पर गहन शोध करने के बाद इन्हें किस तरह से उत्तराखंड के हित में इस्तेमाल किया जाना है, इसकी दिशा में काम किया जा रहा है।
इस अवसर पर आईफोम ऑर्गेनिक्स इंटरनेशनल की प्रेसिडेंट करेन मापुसुआ तथा वाइस प्रेसिडेंट चोइ़त्रेश कुमार गांगुली और जूलिया लर्नाड जर्मनी में आयोजित इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल के साथ ही कर्नाटक एवं सिक्किम के कृषि मंत्री एवं उनका प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुआ।