सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत बोले उत्तराखंड में भरपूर मात्रा में है यूरिया खाद, अधिकारियों को निर्देश हर 15 दिन में जारी हो बुलेटिन – The Viral Post
उत्तराखंड

सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत बोले उत्तराखंड में भरपूर मात्रा में है यूरिया खाद, अधिकारियों को निर्देश हर 15 दिन में जारी हो बुलेटिन

देहरादून। पिछले दिनों कुछ जिलों में यूरिया की कमी की सूचना को लेकर सहकारिता मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत के द्वारा विशेष संज्ञान लिया गया। जिसके पश्चात वह यूरिया खाद को लेकर स्वयं मॉनिटरिंग कर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं। सहकारिता मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने बताया प्रदेश भर में किसानों को लेकर सरकार निरंतर प्रयत्नशील है। जहां हम किसानों को 0 प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध करा रहे हैं। वही हम सहकारी समितियों के माध्यम से यूरिया खाद निरंतर किसानों को पहुंचा रहे हैं। उत्तराखंड में यूरिया खाद भरपूर मात्रा में है पूरे प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। डॉ रावत द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया प्रदेश में यूरिया खाद स्टॉक का  हर 15 दिन में बुलेटिन जारी करें प्रदेश भर में कहीं भी किसानों को यूरिया खाद की कमी नहीं होनी चाहिए।

उर्वरक की कमी ना हो इसको लेकर नैनो यूरिया का भी वितरण सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाए सहकारिता मंत्री ने कहा मैं स्वयं किसान हूं और किसान का पुत्र हूं मुझे खेती कि बचपन से अच्छी समझ है। वह निरंतर खेती के संबंधित क्षेत्र में अध्ययन भी करते रहते हैं सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा नैनो यूरिया के बल पर आज भारत आत्मनिर्भर होने के साथ विश्व बाजार में अपनी पैठ बनाने में जुट गया है। डॉ रावत ने बताया परंपरागत यूरिया से  नैनो यूरिया 10ः सस्ती है। वही इसका उपयोग करने के बाद फसलों की उत्पादकता 8ः से अधिक रिकॉर्ड की गई है । इफको के द्वारा इसका परीक्षण देश के विभिन्न हिस्सों में भी किया जा चुका है । 500 उस की एक नैनो शीशी 50 किलो यूरिया खाद के बराबर कार्य करती है । जिसको लेकर सहकारिता मंत्री ने यूसीएफ प्रबंध निदेशक को निर्देशित किया सरकारी समितियों के माध्यम से नैनो यूरिया भी किसानों को उपलब्ध कराएं साथ ही इसकी जानकारी भी किसानों को दें। एमडी रामिन्द्री मंद्रवाल द्वारा बताया गया कि, उर्वरक का राज्य में पूरा स्टॉक है। उर्वरक से संबंधित किसानों को अभी किसी किस्म की दिक्कतें नहीं है। वह हर दिन उधमसिंहनगर और हरिद्वार जिलों से उर्वरक की फीड बैक स्वयं ले रही हैं।

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