बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना खुलेआम उड़ा रहीं संवैधानिक पद की धज्जियां, जानिए क्या है पूरा मामला
देहरादून। गीता खन्ना कल अपने बेटे डा. सिद्धांत खन्ना के अस्पताल कृष्णा मेडिकल सेंटर के प्रचार के लिए मीडिया के सामने आई। प्रेस क्लब में अपने बेटे के साथ मिलकर मीडिया से बातचीत की और उसके अस्पताल के जमकर कसीदे पढ़े। यही नहीं वह जिस कार में प्रेस क्लब आई, उस पर बाल आयोग अध्यक्ष की नेम प्लेट थी। नियमानुसार निजी कार्य के लिए इस तरह का वाहन या नाम का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना अपने बेटे सिद्धांत के मोह में मर्यादा भी भूल गयी। वह भूल गयी कि वह एक संवैधानिक पद पर हैं और निजी लाभ के लिए कोई काम नहीं कर सकती है। बाल आयोग के एक पूर्व अध्यक्ष का कहना है कि यह सरासर कांफिलिक्ट आफ इंटरेस्ट है। डा. गीता खन्ना टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हुई। उनका पक्ष आने पर उसे भी लिखा जाएगा।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा बेहतर कार्य करने वाले अस्पतालों को उत्कृष्ट सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जिसमें 100 बेड से कम क्षमता वाले निजी अस्पतालों में देहरादून के कृष्णा मेडिकल सेंटर भी शामिल है। जिसको लेकर आज अस्पताल के इंचार्ज डॉक्टर सिद्धान्त खन्ना के द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन प्रेस क्लब में किया गया था। जिसमें बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा डॉ गीता खन्ना ने भी अपने बेटे के अस्पताल की उपलब्धियों का बखान किया और अस्पताल के द्वारा दी जा रही सुबिधाओं के बारे में जम कर कसीदे पढ़ती नजर आयी।
इसमें गौर करने वाली बात यह है कि इस समय डॉ गीता खन्ना एक अस्पताल संचालिका न हो कर बल्कि आयोग की अध्यक्षा है उन्हें सरकार के द्वारा जो भी सुबिधाएं दी गयी है वह सब आयोग के कार्याे के लिए दी गयी है न कि उन्हें अपने बेटे व व्यापार को बढ़ावा देने के लिए लाखों रुपये की गाड़ी, उसका तेल, ड्राइवर, गनर, टीए डीए आदि दिया जा रहा है। आपको बता दें कि डॉ गीता खन्ना को बाल संरक्षण आयोग का अध्यक्षा 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बनाया गया था। यह संवैधानिक पद है, अभी तक इस पद पर बने हुए उन्हें लगभग 8 महीने हो चुके है अपने इस कार्यकाल में उन्होंने क्या-क्या कार्य किये हैं इस पर प्रेसवार्ता का इंतजार सभी को है।