भाजपा से निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त तक लगाई रोक
दिल्ली। पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के मामले में भाजपा से निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है। नुपुर की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें उन्होंने अदालत से गिरफ्तारी से राहत देने की मांग की थी। वकील ने अदालत में दलील दी कि नुपुर को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तारी से राहत देने के साथ ही सुरक्षा भी दी जाए।
इस पर अदालत ने नुपुर को 10 अगस्त तक गिरफ्तार नहीं करने के निर्देश दिए। साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों को इस संबंध में नोटिस भी जारी किया। नूपुर शर्मा की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उनकी (नुपुर) जान को गंभीर खतरा है। बेंच ने आदेश सुनाते हुए याचिकाकर्ता की हत्या के वायरल बयान, सलमान चिश्ती का भी संज्ञान लिया। कोर्ट ने यह भी संज्ञान लिया कि यूपी के एक व्यक्ति ने याचिकाकर्ता का सिर काटने की धमकी भी दी। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।
नुपुर के वकील वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उनकी मुवक्किल की जान का खतरा है। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि उन्हें खतरा है या वह सुरक्षा के लिए खतरा बन गई हैं? उन्होंने जिस तरह से पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है, देश में जो हो रहा है उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि नुपुर शर्मा द्वारा माफी मांगने और बयान वापस लेने में बहुत देर हो गई। नुपुर ने सशर्त बयान वापस लेते हुए कहा कि अगर भावनाएं आहत हुई हैं तो माफी चाहती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा को उनके अहंकार के लिए फटकार लगाई और कहा कि क्योंकि वह एक पार्टी की प्रवक्ता हैं, इसलिए सत्ता उनके सिर पर चढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि नुपुर शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने क्या किया? पूरे मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसकी शिकायत पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, लेकिन कई एफआईआर के बावजूद उसे अभी तक दिल्ली पुलिस ने छुआ तक नहीं है।