ऋषिकेश के ज्यादातर जंगल के रिजॉर्ट और कैंप के सीसीटीवी कैमरे बंद, नाम के लिए लगाए गए सीसीटीवी
ऋषिकेश। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क और वन क्षेत्र के आसपास बने जंगल रिजॉर्ट और कैंप में सीसीटीवी कैमरे केवल नाम के लिए लगाए गए हैं। असल में कई रिजॉर्ट और कैंप में स्पा सेंटर की आड़ में गलत काम होते हैं। बिना बार के लाइसेंस के मेहमानों को शराब परोसी जाती है। ऐसे में सीसीटीवी कैमरों को जानबूझकर बंद रखा जाता है।
अंकिता हत्याकांड के बाद प्रशासन की आंख खुली और अब जंगल रिजॉर्ट और कैंप की जांच की जा रही है। ऋषिकेश और उससे सटे लक्ष्मणझूला और मुनिकीरेती थाना क्षेत्र में राफ्टिंग और जंगल कैंपिंग को लेकर लोगों में जबरदस्त क्रेज है। वीकेंड पर बड़ी संख्या में लोग यहां राफ्टिंग करने के बाद जंगल रिजॉर्ट और कैंपिंग साइट का रुख करते हैं। जंगल रिजॉर्ट और कैंपिंग साइट में यह लोग पार्टी कर अपनी थकान को मिटाते हैं।
चीला और गौहरी माफी की रेंज में करीब 350 जंगल रिजॉर्ट और कैंपिंग साइट है। अधिकांश जंगल रिजॉर्ट और कैंप में मेहमानों को बिना लाइसेंस के शराब परोसी जाती है। खास मेहमानों के लिए रिजॉर्ट में स्पा की आड़ में अतिरिक्त सेवा भी मिलती है। जंगल रिजॉर्ट और कैंप में चल रहे अवैध कामों पर पर्दा डालने के लिए संचालक अपनी सुविधा के अनुसार सीसीटीवी कैमरे को चलाते हैं।
स्पा सेंटरों, कमरों के बाहर, स्विमिंग पूल, लॉन के आसपास के कैमरे केवल शो पीस होते हैं। अधिकांश रिजॉर्ट और कैंप के प्रवेश द्वार पर लगे सीसीटीवी कैमरे ही काम करते हैं। यह कैमरे भी केवल प्रशासन और पुलिस की आंख में धूल झोंकने के लिए लगाए गए होते हैं। जब भी कभी जांच होती है तो रिजॉर्ट और कैंप संचालक रिसेप्शन और बाहर के कैमरे दिखाकर अन्य कैमरों के अचानक खराब होने का बहाना बना लेते हैं। इसके बाद अवैध काम भी जारी रहता है और सीसीटीवी कैमरे भी शोपीस बने रहते हैं। यमकेश्वर तहसील प्रशासन ने जब छापा मार की कार्रवाई शुरू की तो बंद सीसीटीवी कैमरों और स्पा सेंटर की पोल खुलने लग गई है।
जंगल रिजॉर्ट की जांच की जा रही है। जंगल रिजॉर्ट के स्पा सेंटरों में अप्रशिक्षित स्टाफ और सीसीटीवी कैमरे बंद होने के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे जंगल रिजॉर्ट पर कार्रवाई की जा रही है।