यूं ही नहीं तेज गति से दौड़ रही ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’
श्रीमती गीता पुष्कर धामी के योगदान से योजना को मिला और बल
देहरादून। ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ प्रदेश में यूं ही नहीं तेज गति से दौड़ रही है। दरअसल, इस योजना को गति देने में मुख्यमंत्री की अर्धांगिनी श्रीमती गीता पुष्कर धामी का भी बड़ा अहम योगदान है। इसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि वे इस योजना को लेकर निरंतर रूप से सक्रिय हैं। मसलन, रक्षा बंधन त्यौहार के मद्देनजर न केवल उन्होंने हस्तनिर्मित राखियों को खरीदने का आर्डर दिया बल्कि जहां कहीं पर भी इस सम्बंध में प्रदर्शनी आयोजित हो रही है, वहां स्वयं जाकर वे महिलाओं का उत्साहवर्धन कर रही हैं।
उत्तराखंड में महज हफ्ता दस दिन पहले शुरू हुई मुख्यमंत्री सशक्त बहना योजना बिक्री के नए रिकॉर्ड बना रही है। इस योजना की सफलता के पीछे श्रीमती गीता पुष्कर धामी का दूरदर्शी विजन भी है। दरअसल,
श्रीमती गीता पुष्कर धामी ने स्वयं हस्तनिर्मित राखियों को खरीदने का ऑर्डर दिया था जिसमें से कुछ राखियां चीड़ की सूखी पत्तियों पिरूल से बनी हैं। यही नहीं, महिला समूहों से भी लगातार वे संवाद करती रही। इसके अलावा ब्लॉक में जाकर भी उन्होंने महिला समूहों का उत्साहवर्धन किया। देहरादून के रायपुर ब्लॉक जाकर उन्होंने महिला समूह की प्रदर्शनी देखी और यहां भी उनके बनाये उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु प्रयास किये।
इन आईडिया पर बनी है राखी
इसके अलावा रुद्राक्ष, तुलसी, भीमल से भी राखियां निर्मित की गई हैं और कुछ उत्तराखण्ड की समृद्ध कला ऐपण को प्रदर्शित कर रही हैं, जिसमें पहाड़ी बोली में बोले जाने वाले पारिवारिक संबंधों के शब्दों को भी बेहद खूबसूरती एवं बारीकी से इन पर अंकित किया गया है।
श्रीमती धामी ने सभी से विनम्र निवेदन भी किया था कि आप भी हमारी माताओं-बहनों द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित राखियां व अन्य उत्पादों को अवश्य खरीदें और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड निर्माण में अपना योगदान दें।