बाग-बहार से पलायन होगा बंद, किसानों की नई डेस्टिनेशन उत्तराखंड – The Viral Post
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बाग-बहार से पलायन होगा बंद, किसानों की नई डेस्टिनेशन उत्तराखंड

बाग-बहार योजना से बंजर भूमि होगी आबाद, पलायन कर चुके किसानों को मिलेगा लाभ

धामी सरकार पहाड़ से पलायन कर चुके लोगों की वापसी के लिए लगातार कार्य कर रही है। सरकार राज्य में बाग-बहार योजना शुरू कर रही है जिसमें राज्य के किसान बंजर पड़ी भूमि पर बागवानी कर “डेस्टिनेशन उत्तराखंड” का हिस्सा बन सकते हैं ।इसके लिए राज्य के भीतर कृषि एवं बागवानी उत्पादों की मार्केटिंग के लिए उत्तराखंड में अंब्रेला ब्रांड स्थापित किया जाएगा। जिसके माध्यम से उत्पादों को बाजार में बेचने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना है कि उत्तराखंड से केवल असली उत्पाद ही बाजार तक पहुंचें, जिससे नकली सामानों की समस्या खत्म हो सके। इस परियोजना का एक मुख्य लक्ष्य किसानों को उनकी मेहनत और उपज का उचित मूल्य दिलाना है।

प्रारंभिक योजना के अलावा, एक त्रिपक्षीय समझौते को नई पहल के रूप में लागू किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य उन किसानों की खाली पड़ी कृषि भूमि का सही उपयोग करना है जो अपने गृहनगर से पलायन कर गए हैं। प्रदेश के ऐसे किसान जिनके पास कृषि योग्य भूमि है लेकिन राज्य से पलायन कर दूसरे शहरो में रह रहे हैं। इन किसानों की बंजर कृषि भूमि का चयन करके अनुबंध किया जाएगा।अप्रयुक्त और उपेक्षित छोड़ी गई भूमि बागवानी विकास और पुनरोद्धार के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करेगी।

अत्याधुनिक कृषि तकनीकों की मदद से, इन बंजर भूमियों में उल्लेखनीय परिवर्तन आएगा। उदाहरण के लिए, पानी जैसे संसाधनों का संरक्षण करते हुए प्रति वर्ग मीटर भूमि पर उत्पादन को अधिकतम करने के लिए ऊर्ध्वाधर बागवानी और हाइड्रोपोनिक्स जैसी सटीक खेती के तरीकों को नियोजित किया जा सकता है।

छोटे समूहों के सहयोग के लिए देहरादून में तीन दिवसीय द ब्रैंड ऑफ उत्तराखंड महोत्सव भी आयोजित किया जाएगा। किसानों के उत्पादों की बिक्री के लिए रिटेल आउटलेट भी बनाए जाएंगे इसके लिए परिषद रिटेल आउटलेट के लिए भूमि का चयन करेगा।

इसके अलावा, यह परियोजना गांव लौट रहे लोगों या बागवानी में रुचि रखने वाले किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित करेगी। ये सत्र प्रतिभागियों को बागवानी फार्मों को सफलतापूर्वक मैनेज करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करेंगे।

बेकार पड़ी कृषि भूमि को समृद्ध बागवानी केंद्रों में बदलने से होने वाले लाभ बहुत अधिक होंगे, यह न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करके आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगा बल्कि उपलब्ध भूमि संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करके खाद्य आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने में भी योगदान देगा।

इस योजना से पलायन कर चुके किसानों के लिए नई संभावनाएं बढ़ेंगी। बंजर भूमि की क्षमता का उपयोग करके, कृषि विकास के लिए एक स्थायी भविष्य बना सकते हैं और किसान इसका लाभ उठा बागवानी को आजीविका विकल्प के रूप में चुन सकते हैं।

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