Tuesday, September 26, 2023
Home ब्लॉग शिक्षा में गिरावट, किसी की नजर नहीं

शिक्षा में गिरावट, किसी की नजर नहीं

हरिशंकर व्यास
कोरोना वायरस की महामारी से सवा पांच लाख लोग मरे या 47 लाख लोगों की मौत हुई, इस पर बहस चल रही है। लेकिन महामारी ने लोगों को शारीरिक रूप से ही बीमार नहीं किया या सिर्फ जान ही नहीं ली, बल्कि मानसिक रूप से भी बहुत कमजोर किया है। दो साल की महामारी में अर्थव्यवस्था के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है, जिससे एक पूरी पीढ़ी का जीवन प्रभावित हुआ है। सोशल मीडिया में यह मजाक चलता है कि ऑनलाइन पढ़ाई करे डॉक्टरों की जो पीढ़ी तैयार हुई है वह कैसे इलाज करेगी। लेकिन यह सिर्फ मजाक का विषय नहीं है। सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई करने वालों की मेधा और अध्ययन पर ही असर नहीं हुआ है, बल्कि उससे ज्यादा असर उन बच्चों पर हुआ, जो पढ़ाई ही नहीं कर सके।

बच्चों और किशोरों के लिए कोरोना की महामारी अभिशाप बन कर आई। भारत में वैसे भी शिक्षा का बुनियादी ढांचा बहुत कमजोर है इसलिए स्कूल-कॉलेज बंद हुए तो तत्काल कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पाई। दूसरे, कोरोना न फैले इस चिंता में लंबे समय तक स्कूल-कॉलेज पूरी तरह से बंद रखे गए। ऑनलाइन पढ़ाई का तमाशा चलता रहा, लेकिन हकीकत यह है कि दिल्ली जैसे राजधानी शहर में भी आधे से ज्यादा बच्चों के पास ऑनलाइन पढ़ाई का कोई जरिया उपलब्ध नहीं था और कुछ चुनिंदा शिक्षण संस्थानों को छोड़ कर ज्यादा संस्थानों के पास भी ऑनलाइन पढ़ाई सुचारू रूप से चलाने का कोई बुनियादी ढांचा नहीं था।

कोरोना की लहर के साथ लंबे समय तक स्कूल-कॉलेज बंद रहने का एक नतीजा यह हुआ कि शिक्षा की गुणवत्ता और निरंतरता दोनों प्रभावित हुई। इसका जिक्र इस साल बजट से पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में भी किया गया। इसमें सरकार ने माना है कि लाखों बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के 37 फीसदी बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं। सोचें, यह कितना बड़ा आंकड़ा है और यह स्कूल छोडऩे वाले बच्चों के जीवन को किस हद तक प्रभावित करेगा? जाने माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कुछ शोधकर्ताओं के साथ मिल कर स्कूलों में होने वाली ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई का अध्ययन किया है। अध्ययन के बाद ‘स्कूल शिक्षा पर आपातकालीन रिपोर्ट’ उन्होंने जारी की, जिसमें बताया कि देश के ग्रामीण इलाकों में सिर्फ आठ फीसदी बच्चों के पास ऑनलाइन अध्ययन की सुविधा उपलब्ध थी। इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि 37 फीसदी बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी।

कोरोना महामारी के दौरान शिक्षा की स्थिति पर एक दूसरा अध्ययन अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया। यूनिवर्सिटी ने पांच राज्यों में एक शोध कराया, जिसमें पता चला कि छात्रों के सीखने की क्षमता कम हुई है। यह प्रत्यक्ष रूप से प्रमाणित हुआ। अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के शोध से पता चला कि बच्चों के बुनियादी ज्ञान, कौशल में कमी आई है। पढऩे, समझने या गणित के आसान सवाल हल करने में भी वे पिछड़ गए हैं। यह बहुत चिंताजनक स्थिति है। यह पूरी पीढ़ी के पढऩे और समझने की क्षमता कम हुई है। उनके जीवन के दो अहम साल खत्म हो गए हैं। उसकी भरपाई के लिए सरकार को तत्काल और बड़े पैमाने पर पहल करनी चाहिए। राज्यों में हजारों की संख्या में निजी स्कूल बंद होने की खबर है। बच्चों की संख्या और जरूरत के मुताबिक स्कूल शुरू कराने, शिक्षकों की भरती और पाठ्यक्रम में बदलाव करके बच्चों को हुए नुकसान की भरपाई करनी चाहिए। यह काम जितनी जल्दी हो उतना अच्छा होगा।

RELATED ARTICLES

नए संसद भवन में हीरोइनों का जमावड़ा

नए संसद भवन में कामकाज की शुरुआत और महिला आरक्षण बिल पास होने के मौके पर नारी सशक्तिकरण के प्रदर्शन के लिए भाजपा और...

चीन के गायब होते मंत्री

श्रुति व्यास पहले विदेश मंत्री चिन गांग गायब हुए। आज तक उनका कोई अतापता नहीं है। अब चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू भी...

विपक्षी गठबंधन का तालमेल बिगड़ा है

अजीत द्विवेदी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में अभी तक सब कुछ तय योजना के तहत होता दिख रहा था। एकदम परफेक्ट को ऑर्डिनेशन था और अगर...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Latest Post

लंदन में आयोजित बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में पोमा ग्रुप के साथ 2 हजार करोड़ रुपए का एमओयू किया गया

उत्तराखण्ड में रोपवे निर्माण में तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा पोमा ग्रुप इनवेस्टर्स समिट में बड़ी कामयाबी उत्तराखण्ड में इको फ्रैंडली टूरिज्म को मिलेगी रफ्तार – मुख्यमंत्री...

एक हजार रुपये पाने के लिए विवाहिता बनी विधवा, पढ़े पूरा मामला

कानपुर। शादीशुदा होने के बाद भी महिलाओं के विधवा पेंशन उठाने का मामला सामने आया है। वित्तीय वर्ष 2023 के सत्यापन में ऐसी 24 महिलाएं...

सरकार बताएं, कितने सरकारी स्कूलों में शौचालय व पेयजल की सुविधा

हाईकोर्ट ने कहा, दो हफ्ते के भीतर दें शपथ पत्र मामले की अगली सुनवाई 12 अक्तूबर को नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में शौचालय...

क्या आप भी अपना टूथब्रश बाथरूम में रखते हैं? जान लीजिए इसका हेल्थ पर क्या असर पड़ता है

कई लोग अपना टूथब्रश बाथरूम में रखते हैं। वह एक होल्डर रखते हैं जिसमें अपनी पूरी फैमिली मेंबर का ब्रश उसमें रखते हैं। आज...

जोशीमठ आपदा के सभी जिलों में डेंजर जोन की तलाश के लिए बनेगी 7 सदस्यीय समिति

कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल बोले समिति की रिपोर्ट आने पर भवनों को किया जाएगा सुरक्षित देहरादून। जोशीमठ में भूधंसाव की घटना के बाद अब...

हाईवे पर चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई किशोरी, दरिंदगी बताकर रो पड़ी पीड़िता

कुशीनगर।  पडरौना में हाईवे पर चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई किशोरी सोमवार को थाने में दरिंदों की दरिंदगी बताकर रो पड़ी और...

लेफ्टिनेंट जनरल (DGAFMS ) दलजीत सिंह पहुंचे स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट

सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक ने एसआरएचयू के छात्रों को दिया सक्सेस मंत्र डोईवाला। भारतीय सेना में चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल...

इस बार वायनाड़ से नहीं हैदराबाद आकर चुनाव लड़ो, राहुल गांधी को ओवैसी का चैलेंज

हैदराबाद। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 2024 का लोकसभा चुनाव वायनाड़ की बजाय उनके खिलाफ हैदराबाद से लडऩे की चुनौती...

मिशन रानीगंज का मोशन पोस्टर रिलीज, अक्षय कुमार के अलावा अन्य स्टारकास्ट भी आए नजर

अक्षय कुमार स्टारर अपकमिंग फिल्म मिशन रानीगंज का मोशन पोस्टर  जारी किया गया। यह रियल लाइफ हीरो जसवंत गिल की कहानी को दिखाता है,...

दिल्ली- यमुनोत्री हाईवे पर हादसे का शिकार हुई कार मिली नदी किनारे, 2 के शव बरामद

टिहरी। उत्तराखंड के टिहरी में नैनबाग तहसील के अंतर्गत दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर मरोड़ बैंड के पास एक कार खाई में यमुना नदी के किनारे गिरी...