सहकारी समिति लालढांग ने गेंदा की खेती करने वाले किसानों के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए हरेला उत्सव का किया आयोजन
हरिद्वार। उत्सव का उद्घाटन सचिव सहकारिता, डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा किया गया, उन्होंने तैयार फसल से गेंदा फूल तोड़कर उत्सव का शुभ आरंभ किया । इस अवसर पर संयुक्त सहकारी खेती से उत्पादित इन गेंदे के फूलों के संग्रहण एवं विपणन के लिए एक “संग्रह केंद्र” का उद्घाटन भी सचिव महोदय द्वारा किया गया जिसके बाद यूकेसीडीपी, सहकारिता विभाग के सचिव एवं अधिकारियों द्वारा गेंदा का पौधारोपण किया गया।
स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा झोड़ा लोक नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी गई एवं विधालयी छात्रों द्वारा देशभक्ति गीत पर किये गये प्रस्तुतीकरण पर सभी भाव विभोर हो गए। गेंदा के लालढांग समिति के किसानों को उनके अनुकरणीय कार्य के लिए सचिव पुरुषोत्तम द्वारा सम्मानित किया गया। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए यूकेसीडीपी परियोजना के तहत संयुक्त सहकारी खेती मे गेंदा के फूलों की खेती की गयी है । किसानों की समस्याओं के समाधान के दूरगामी उद्देश्य को पूरा करने के लिए सहकारी विभाग द्वारा यूकेसीडीपी परियोजना के तहत राज्य भर में विभिन्न मूल्य श्रृंखलाएं विकसित की जा रही हैं, जिसके तहत हरिद्वार जिले के लालढांग क्लस्टर में गेंदे के फूल उगाए गये हैं।
प्रथम चरण में अप्रैल 2022 में नि:शुल्क एमआईडीएच योजना के तहत बागवानी विभाग द्वारा तकनीकी सहायता एवं 2 लाख गेंदे के पौधे उपलब्ध कराए गए। संयुक्त खेती के इस प्रयास के तहत रुपये का वार्षिक निवेश। 46,150.00 किया जाता है। इस प्रयास में गेंदे के फूलों का प्रति बीघा वार्षिक उत्पादन 1500 किलोग्राम होने की संभावना है।
ज्वालापुर और कनखल मंडी में गेंदे के फूलों की होगी बिक्री इन फूलों के विपणन से प्रति बीघा वार्षिक आय रु. 90,000 और वार्षिक शुद्ध लाभ प्रति बीघा आय रुपये होने की संभावना है।