कांग्रेस का दलित विरोधी चेहरा हुआ उजागर – The Viral Post
उत्तराखंड

कांग्रेस का दलित विरोधी चेहरा हुआ उजागर

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी का किया विरोध

आशुतोष नेगी पर है दलित व्यक्ति पर तमंचा सटाकर हमला करने और गालीगलौज का आरोप

पौड़ी कोतवाली में बीते 5 जनवरी को दर्ज हुआ था एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा

देहरादून। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने दलित व्यक्ति की छाती पर तमंचा सटाकर उसे जान से मारने की धमकी देने और गालीगलौज करने के आरोपी आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह सरकार का तानाशाही रवैया है। गोदियाल के इस बयान के बाद दलित समुदाय में रोष है जो आक्रोश बनकर कभी भी सड़कों पर फूट सकता है। गोदियाल ने आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी का विरोध करके यह साबित कर दिया है कि अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों के प्रति उनकी पार्टी की कोई संवेदना नहीं है।

पौड़ी जिले के अगरोड़ा निवासी राजेश कोली राजा लगभग डेढ़ साल पहले 3 मई 2022 को कोतवाली पौड़ी में आशुतोष नेगी व अन्य के खिलाफ तहरीर दी थी। जिसमें कोली ने नेगी व उसके साथियों पर उसे जान से मारने की धमकी देने, गालीगलौज करने और जातिसूचक शब्द कहने का आरोप लगाया था। लम्बे समय बाद पुलिस ने बीते 5 जनवरी 2024 को नेगी व अन्य के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट, आईटी एक्ट और गाली गलौज व जान से मारने की धमकी की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। जांच में आरोप सही पाए जाने पर पुलिस ने बीते मंगलवार को श्रीनगर से आशुतोष नेगी को गिरफ्तार कर लिया। उस वक्त वह श्रीनेगर में अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड में न्याय की मांग को लेकर अंकिता के परिजनों के साथ धरने पर बैठा हुआ था।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक आशुतोष नेगी को मालूम था कि एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज हुए मुकदमे में पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है, इसीलिए वह इस बीच लगातार अंकिता भण्डारी के परिजनों के सम्पर्क में था और धरना स्थल में मौजूद था ताकि यदि पुलिस उसे गिरफ्तार करे तो यह संदेश जाए कि अंकिता हत्याकाण्ड में न्याय की मांग करने की वजह से उसे गिरफ्तार किया गया है।

हुआ भी ऐसा ही जैसे ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो वहां मौजूद उसके साथियों ने उसकी गिरफ्तारी का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। वीडियो वायरल करके यह संदेश दिया गया कि आशुतोष नेगी अंकिता हत्याकाण्ड में लगातार मुखर थे लिहाजा सरकार ने उसे गिरफ्तार करवाया है।

कहा जा रहा है कि इस पूरे खेल में कांग्रेस के कुछ नेता आशुतोष नेगी का समर्थन कर रहे थे और उसे फण्डिंग भी की जा रही थी। यह बात तब सच साबित हुई जब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गादियाल ने आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी को सरकार का तानाशाही रवैया बताया और उसे अंकिता हत्याकाण्ड से जोड़ने में देर नहीं लगाई। सवाल यह है कि गणेश गोदियाल दलित उत्पीड़न और अतयाचार के मामले को अंकिता हत्याकाण्ड से क्यों जोड़ रहे हैं। जबकि अंकिता हत्याकाण्ड में राज्य सरकार पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से दोषियों पर कार्रवाई कर रही है। अंकिता के परिजनों से मुख्यमंत्री धामी कई बार खुद मुलाकात कर चुके हैं।

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