अभियान: घर-घर जाकर खोजे जायेगें टी.बी.रोगी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने सभी सीएमओ को दिए निर्देश
प्रथम चरण में प्रदेश 6 जनपदों में शुरू हुआ अभियान
नि-क्षय मित्र पंजीकरण में दूसरे स्थान बना हुआ है राज्य
देहरादून। प्रधानमंत्री टी.बी.उन्मूलन अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में अब घर-घर जाकर टी.बी. मरीज खोज कर उनका उपचार किया जायेगा। इसके लिए सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। प्रथम चरण में सूबे के 6 जनपदों में एक्टिव टी.बी. केस फाइन्डिग कैम्पेन चलाई जायेगी।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2024 तक टी.बी. मुक्त प्रदेश बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा भरसक प्रयास किये जा रहे हैं। इसी अभियान के तहत 21 नवम्बर 2022 से 20 दिसम्बर 2022 तक प्रदेश के 6 जनपदों में घर-घर जाकर टी.बी. रोगियों की पहचान की जायेगी तथा इस अभियान के दौरान सामने आये एक्टिव टी.बी. मरीजों का सम्बन्धित क्षेत्र के अस्पतालों के जरिये उपचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के आवाह्न पर पूरे देश में टी.बी. उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत भारत में वर्ष 2025 तक टी.बी. उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एन.एच.एम. के माध्यम से दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। अभियान के प्रथम चरण में जनपद अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, पिथौरागढ, ऊधमसिंहनगऱ तथा उत्तरकाशी में घर-घर जाकर टी.बी. मरीजों की खोज की जायेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस अभियान के तहत शहरी एवं ग्रामीण मलिन बस्तियों, संवेदनशील जनसंख्या वाले क्षेत्रों यथा एच.आई.बी. एवं मधुमेह से ग्रसित रोगी, सब्जी एवं फल मण्डी निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईट भट्टे, स्टोन क्रेशर, नदियों में चुगान करते मजदूरों, साप्ताहिक बाजार, अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा एवं कारागार में व्यापक जन-जागरूकता अभियान के साथ ही एक रणनीति के तहत टी.बी. लक्षणों से ग्रसित व्यक्तियों को चिन्हिंत कर उनकी जांच करायी जायेगी।