जन्मदिन स्पेशल : धामी के नेतृत्व का करिश्मा, प्रगति के पथ पर तेजी से बढ़ता उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जन्मदिवस आज है, आज सीएम धामी 47 साल के हो गए है। 16 सितम्बर 1975 को पिथौरागढ़ में जन्मे पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिनकी अगुवाई में किसी पार्टी की लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी हुई। समूचा उत्तराखण्ड अपने इस लोकप्रिय मुख्यमंत्री का जन्मदिवस यानि 16 सितम्बर को संकल्प दिवस के रूप में मानने जा रहा है। संकल्प दिवस इसलिए क्योंकि स्वयं पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड को वर्ष 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के विकल्प रहित संकल्प पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। स्वयं धामी का मानना है कि देवभूमि को सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाने की यह यात्रा उनकी अकेली नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की है।
पुष्कर सिंह धामी सैनिक पुत्र हैं। उनके पिता शेर सिंह धामी भारतीय सेना के रिटायर्ड सूबेदार थे, जबकि उनकी माता विशना देवी विशुद्ध रूप से गृहणी या यूं कहें कि घरेलू महिला हैं। पुष्कर अपनी तीन बहनों के बाद जन्मे इकलौते बेटे हैं। पिता से मिले अनुशासन और मां से मिली प्रेरणा के बूते ही वह लगातार अपने सियासी सफर को आगे बढ़ा रहे हैं। धामी बचपन से ही पढ़ाई में एवरेज स्टूडेंट थे लेकिन समाज सेवा में दिलचस्पी होने के साथ ही नेतृत्व का गुण उनमें विद्यमान था। उच्च शिक्षा ग्रहण करने जब वह लखनऊ यूनिवर्सिटी पहुंचे तो ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट और इंडस्ट्रीयल रिलेशन्स और एलएलबी की पढ़ाई के दौरान उन्होंने छात्र राजनीति में भागेदारी शुरू कर दी। 90 के दशक में पुष्कर सिंह धामी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, जो भारतीय जनता पार्टी की स्टूडेंट विंग है। संगठन में उनके पास विभिन्न जिम्मेदारियां रहीं। लखनऊ में कार्यक्रम संयोजक के रूप में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलनों के आयोजन और संचालन में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई।
आत्मविश्वास से लबरेज धामी अपने विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना ही उनका एकमात्र लक्ष्य है। वो जानते हैं कि जनसहभागिता से ही यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। हर हाल में उन्हें देवतुल्य जनता की आशाओं और आकांक्षाओं को पूर्ण करना है। जनता को सुशासन और पारदर्शी प्रशासन मिले इसके लिए उन्होंने नौकरशाहों को सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और सन्तुष्टि का मंत्र दिया है। संदेश साफ है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास सूत्रवाक्य को आत्मसात कर राज्य के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास पहुंचाना है।
प्रदेश में सुदृढ़ वित्तीय अनुशासन एवं राजकोषीय प्रबंधन के लिए उन्होंने ठोस प्रयास शुरू कर दिए हैं। जरूरतमंदों की सेवा के साथ ही प्रदेश समृद्धि की ओर अग्रसर है। पर्यटन क्षेत्र में तीव्र विकास से समृद्ध उत्तराखण्ड का सपना संजोया गया है, जिसका रोडमैप तैयार है। शिक्षा को गुणवत्तापरक और कौशल विकास को रोजगारपरक बनाने की पहल शुरू हो चुकी है। निर्बल वर्गों का सशक्तीकरण करते हुए उनमें सामाजिक सुरक्षा का भाव जागृत किया जा रहा है। इतना ही नहीं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता उत्तराखण्ड की नींव रखी जा चुकी है। सधे और संतुलित कदमों के साथ धामी निरन्तर अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं।