उत्तराखंड में 10 साल बाद फिर बन सकती है मिली-जुली सरकार, बसपा व निर्दलीयों के हाथ सत्ता की चाबी… – The Viral Post
उत्तराखंड

उत्तराखंड में 10 साल बाद फिर बन सकती है मिली-जुली सरकार, बसपा व निर्दलीयों के हाथ सत्ता की चाबी…

भाजपा-कांग्रेस में टाई, बसपा रहेगी किंग मेकर

आप औऱ यूकेडी का भी खुलेगा खाता, 3 निर्दलीय भी पहुँच सकते हैं विधानसभा

बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, राष्ट्रवाद, मोदी फैक्टर, पाकिस्तान, रहे चुनावी मुद्दे

हॉट सीटों में एक मात्र प्रीतम सिंह आराम से जीत रहे हैं, बाकी की लड़ाई सेकंड-लास्ट राउंड तक जाएगी

देहरादून। उत्तराखंड की 70 सीटों पर मतदान के बाद अब राजनीतिक दल हार-जीत की गणित लगाने में जुट गए हैं। बूथ स्तर पर वोटों की गिनती से हार-जीत का समीकरण बना रहे हैं लेकिन मतदान संपन्न होने के बाद अपनी-अपनी जीत को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने दावे किए हैं। किसी ने प्रचंड बहुमत का दावा किया तो किसी ने कहा कि जनता का आशीर्वाद इस बार उनके साथ है। सियासी दलों और उम्मीदवारों के यह दावे कितने सटीक साबित होते हैं, यह तो चुनाव नतीजों से स्पष्ट हो पाएगा।

विधानसभावार पत्रकार साथियों, गणमान्य जनमानस, राजनीतिक हस्तियों से बातचीत के बाद स्थिति बेहद जटिल दिखाई दे रही है। किसी भी दल को पूर्ण बहुमत मिलता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। बातचीत के बाद भाजपा-कांग्रेस में टाई होता दिखाई दे रहा है। बसपा एक बार फिर 3 सीटों के साथ किंग मेकर की भूमिका में रहेगी, आप औऱ यूकेडी का भी खाता खुलेगा, इसके साथ ही 3 निर्दलीय भी विधानसभा पहुँच सकते हैं।

उत्तराखंड के राजनीतिक इतिहास में अंतरिम के बाद पहली विधानसभा के गठन के लिए वर्ष 2002 में हुए विधानसभा चुनाव 52.34 प्रतिशत वोट पड़े थे, जो अब तक का सबसे न्यूनतम आंकड़ा है। इसके बाद वर्ष 2007 में हुए चुनाव में मतों यह प्रतिशत बढ़कर 63.10 पर जा पहुंचा। वर्ष 2012 में बंपर वोट पड़े।

मतदाताओं ने पिछले दो चुनावों का रिकार्ड तोड़ते हुए इसे 66.85 प्रतिशत तक पहुंचा दिया। यह अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके बाद वर्ष 2017 में हुए चुनाव में मत प्रतिशत फिर गिरकर 65.64 पर आकर अटक गया। जबकि वर्ष 2022 का मत प्रतिशत 65.10 पर रहा।

मुद्दों की अगर बात करें तो पांच साल राज करने और तीन-तीन मुख्यमंत्री बदलने के बाद भी भाजपा जनता के सामने कुछ खास उपलब्धियां नहीं रख पाई। भाजपा आखिरकार मोदी नाम के सहारे ही मैदान में उतरी। पिछले चुनाव में इसी मोदी मैजिक ने उसे प्रचंड बहुमत दिलाया था। भाजपा को विश्वास है कि उत्तराखंड की जनता में मोदी को लेकर अब भी क्रेज बरकरार है और उसे इस बार भी फायदा जरूर मिलेगा।

वहीं, कांग्रेस जहां इसी बात को मुद्दा बनाते हुए जनता के बीच पहुंची, अगर भाजपा ने पांच साल विकास किया है तो उसे मोदी मैजिक की जरूरत क्यों पड़ रही है। कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अवैध खनन जैसे मुद्दों के साथ चुनाव में जनता के द्वार गई। वहीं चारधाम चार काम जैसी लोक लुभावनी घोषणाओं ने भी जनता का ध्यान खिंचा है। इसलिए उसे विश्वास है कि उत्तराखंड की जनता ने उसके हक में मतदान किया है।

हर ब्यक्ति का अपना अनुमान है। राजनीतिक पंडितो की अपनी भविष्यवाणी है। लेकिन जो स्थिति देहरादून के पोलिंग बूथों पर दिखाई दी अगर वही स्थिति पूरे प्रदेश के पोलिंग बूथों पर रही होगी तो परिणाम चौकाने वाले होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *