पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के घर से एफबीआई के हाथ लगे परमाणु हथियारों से जुड़े दस्तावेज
अमेरिका। फ्लोरिडा राज्य में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के घर से फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (एफबीआई) ने कुछ ‘टॉप सीक्रेट’ सरकारी दस्तावेज बरामद किए हैं। अमेरिकी न्याय विभाग ने शुक्रवार को बताया कि एफबीआई एजेंटों ने इस हफ्ते फ्लोरिडा में ट्रंप के घर की तलाशी ली थी, जिसमें कुछ गोपनीय दस्तावेजों को जब्त किया गया। यह दस्तावेज परमाणु हथियारों से जुड़े हुए थे। अब इस खुलासे से आने वाले समय में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
कानून का उल्लंघन किया ट्रंप ने
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने गुप्त दस्तावेजों को अपने आवास में रखकर जासूसी अधिनियम का उल्लंघन किया है। एफबीआई एजेंटों ने संघीय मजिस्ट्रेट द्वारा अनुमोदित वारंट के आधार पर ट्रंप के आवास की तलाशी ली थी। इसके चार दिन बाद एजेंसी ने जारी किए गए बयान में कानूनी दस्तावेजों को लेकर कई हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं।
ट्रंप की बढ़ सकती हैं मुसीबतें
जांच अधिकारियों ने अपने वारंट आवेदन में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश ब्रूस रेनहार्ट को बताया कि यह मानने का संभावित कारण था कि ट्रंप ने जासूसी अधिनियम का उल्लंघन किया है। वहीं ट्रंप के पास टॉप सीक्रेट लेवल वाले दस्तावेजों के खुलासे से उनके लिए बड़ा कानूनी खतरा पैदा हो सकता है।
हो सकती है पांच साल तक की जेल की सजा
आगे अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि जो दस्तावेज आमतौर पर विशेष सरकारी सुविधाओं में सुरक्षित रहने चाहिए थे, वो ट्रंप के पास कैसे थे? साथ ही बताया कि इस तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर नुकसान हो सकता था। वहीं ट्रंप अगर इस मामले में दोषी पाए जाते हैं तो उनको कम से कम पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
दस्तावेज गलत हाथों में पड़ सकते थे
पिछले दिनों अमेरिकी संघीय जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने परमाणु हथियारों से संबंधित दस्तावेजों की तलाशी के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित आवास पर छापेमारी की थी। उन पर आरोप है कि ट्रंप ने अपनी सरकार जाने के बाद दस्तावेजों को नई सरकार को नहीं सौंपा था। सरकारी अधिकारी इस बात को लेकर चिंता में हैं कि यह दस्तावेज ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित घर पर गलत हाथों में पड़ सकते थे। अधिकारियों के मुताबिक इन दस्तावेजों का संबंध राष्ट्रीय सुरक्षा से है।